The best Side of कैल्शियम की कमी के लक्षण और इलाज



हड्डियों और जोड़ों का दर्द सिर्फ बढ़ती उम्र की वजह से नहीं होता है। इसका एक कारण कैल्शियम की कमी भी हो सकती है।

कैल्शियम के कम स्तर की वजह से हमे वाले ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स और ऑस्टियोमलेसिआ के इलाज के लिए। प्रेग्नेंसी में होने वाले पैरों में दर्द। प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर।

विटामिन-डी की कमी के कारण महिलाओं की सेक्शुअल हेल्थ भी काफी प्रभावित होती है.

यदि अतिकैल्शियमरक्तता की स्थिति हलकी है, तो चिकित्सक समय-समय पर हड्डियों और किडनी के काम को मॉनिटर करने के लिए टेस्ट करा सकते हैं, जिससे जाना जा सके कि स्वास्थ्य ठीक है।

इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

कैल्शियम की कमी की का इलाज करना आमतौर पर आसान होता है। इसके लिए आमतौर पर आहार में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाना होता है। आमतौर पर मरीजों को कैल्शियम के सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह दी जाती है।

Dry fruits me akhroat, kaaju aur badam khane se bhi fayda milta hai. Badam ko bhigo kar khana chahiye.

बच्चों से बूढ़ों तक हर किसी को कैल्शियम की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन उम्र, स्वास्थ्य व अन्य कई स्थितियों के अनुसार कैल्शियम की खुराक कम या ज्यादा हो सकती है। नीचे टेबल में स्थिति के अनुसार कैल्शियम की सही मात्रा बताई गयी है:

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जिन लोगों को ऐसा हो रहा है वह विटामिन डी की जांच करा click here सकते हैं.

विटामिन डी कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. ये कैल्शियम के एब्जॉर्बशन में अहम भूमिका निभाता है.

·      कैल्शियम कार्बोनेट लेने से एक घंटे पहले या दो घंटे के अंदर कोई भी एंटासिड का इस्तेमाल न करें।

अगर बच्चे बार-बार शरीर में दर्द की शिकायत करें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. इस स्थिति में डॉक्टर बच्चों के शरीर में कैल्शियम की जांच कर सकते हैं.

कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए घरेलू इलाज

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